इसी साल मई-जून में 9 टारगेट किलिंग के सबसे ज्यादा मामले सामने आने क बाद एकबार फिर टारगेट किलिंग हुई है. जिसमे एक कश्मीरी पंडित की मौत हो गई. शोपियां के छोटापोरा इलाके में सोमवार को सेब के एक बाग में अचानक आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी. आतंकवादियों की ओर से की गई गोलीबारी में 1 व्यक्ति की मौत और 1 शख्स के घायल होने की सूचना है. मृतक और घायल दोनों ही अल्पसंख्यक समुदाय (कश्मीरी पंडित) से हैं.
घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कश्मीर जोन के पुलिस का कहना है कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है.। 7 मई से 3 जून के बीच 9 लोगों की हत्या कर दी गई थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2022 में टारगेट किलिंग के 16 मामले सामने आए। पुलिस का मानना है कि हताश आंतकियों ने अपनी रणनीति बदल दी है और अब वे अल्पसंख्यकों, निहत्थे पुलिसकर्मियों, मासूम नागरिकों, राजनेताओं और महिलाओं को निशाना बना रहे हैं।
प्रोपेगेंडा फैलाकर घाटी में एक्टिव रहने की साजिश
ISI कश्मीरी लोगों के बीच ये प्रोपेगेंडा फैला रही है कि आर्टिकल 370 हटने के बाद बाहर से आने वाले प्रवासी कामगार उनकी नौकरियां और जमीनों पर कब्जा जमा लेंगे। इस दुष्प्रचार के जरिए वह कश्मीर में पाक समर्थक आतंकी संगठनों के लिए फिर से समर्थन जुटाने की कोशिशों में लगा है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन टारगेटेड किलिंग्स के जरिए आतंकियों का एक मकसद घाटी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद आतंकियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई ने कश्मीर में उन्हें कमजोर बना दिया है।