Tuesday, March 28, 2023
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गुजरात के गांवो में जा रही मवेशियों की जान, 880 गांवो में अबतक 999 पशुओं की हुई मौत

देश में कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स के खतरे के बीच गुजरात में एक नए वायरस ने दस्तक दी है, जो जानवरों को तेजी से चपेट में ले रहा है. गुजरात के कृषि एवं पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में अब तक लम्पी त्वचा रोग के कारण कुल 999 मवेशियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकतर गाय और भैंस हैं.

गुजरात के 14 जिलों में फैला वायरस

गुजरात सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कृषि एवं पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल के हवाले से बताया गया कि राज्य के 14 जिलों में वायरस से फैलने वाली इस बीमारी के मामले पाए गए हैं और 37 हजार से अधिक संक्रमित पशुओं का इलाज किया गया है. विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अब तक 2.68 लाख पशुओं को टीका लगाया गया है.

पहला मामला कब आया, इसकी जानकारी नहीं

गुजरात सरकार के मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि राज्य में इस बीमारी का पहला मामला सामने आने के बाद इसे काबू करने के उद्देश्य से उचित व्यवस्था करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की गई थी. उन्होंने कहा कि बीमारी को नियंत्रित कर लिया गया है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि लम्पी त्वचा रोग का पहला मामला कब सामने आया था.

जानवरों में कैसे फैलती है ये बीमारी

लम्पी त्वचा रोग एक ऐसी बीमारी है जो मच्छरों, मक्खियों, जूं एवं ततैयों के कारण फैलती है. यह मवेशियों के सीधे संपर्क में आने और दूषित भोजन एवं पानी के जरिए फैलती है.

क्या है लम्पी त्वचा रोग के लक्षण

लम्पी त्वचा रोग रोग के लक्षणों में जानवरों में बुखार आना, आंखों एवं नाक से स्राव, मुंह से लार निकलना, पूरे शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ना, दूध उत्पादन में कमी आना और भोजन करने में कठिनाई शामिल हैं.

गुजरात के इन 14 जिलों में फैली बीमारी

गुजरात के 14 जिलों – कच्छ, जामनगर, देवभूमि द्वारका, राजकोट, पोरबंदर, मोरबी, सुरेंद्रनगर, अमरेली, भावनगर, बोटाद, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, बनासकांठा और सूरत में लम्पी त्वचा रोग के मामले पाए गए हैं.

अब तक 999 मवेशियों की हो चुकी है मौत

राघवजी पटेल ने कहा, ‘880 गांवों में इस बीमारी के मामले पाए गए हैं और 37,121 पशुओं का इलाज किया गया है.’ मंत्री ने कहा, ‘तालुका स्तर की महामारी विज्ञान रिपोर्ट के अनुसार, लम्पी त्वचा रोग के कारण अब तक 999 मवेशियों की मौत हो चुकी है.’

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