सेना में भर्ती के लिए केंद्र द्वारा लांच की गई अग्निपथ योजना को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. वहीं, रक्षा मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इस योजना को वापस नहीं लिया जाएगा. विपक्ष इस योजना को लेकर केंद्र पर लगातार हमलावर है. अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अग्निपथ योजना की तुलना नोटबंदी और लॉकडाउन से कर दी है. उन्होंने इस योजना को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया है.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमने बिना सोचे-समझे उठाए गए नोटबंदी और लॉकडाउन जैसे लापरवाह कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज को हुई तबाही को देखा है. क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी ऐसा ही करना चाहते हैं? ओवैसी ने कहा कि रांची में सांप्रदायिक हिंसा के लिए केंद्र और झामुमो के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार दोनों जिम्मेदार हैं. अग्निपथ योजना के खिलाफ झारखंड में भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी.
उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर सरकार से अपील करता हूं कि इस कुटिल तरीके से काम करना बंद करो, इस देश के युवाओं को सुनो, संविदा भर्ती की इस क्रूर योजना को तुरंत वापस लो और हमारे सशस्त्र बलों के लिए जवानों की और उपकरणों की कमी को दूर करो. यह एक राजनीतिक निर्णय है. जो हमारे युवाओं के साथ बेहद नाइंसाफी है क्योंकि यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है, उनका गला घोंट दिया जा रहा है.
ओवैसी ने कहा कि सेना में कमी पहले ही एक लाख सैनिकों को पार कर चुकी है. यदि आप कहते हैं कि आप दो साल से योजना बना रहे थे, तो आपको लोगों को शामिल करने के लिए चार साल की आवश्यकता क्यों है? हमारे सशस्त्र बलों को पाकिस्तान के विपरीत हमेशा राजनीति से दूर रखा गया है. यही हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत रही है. 2014 के बाद से सामाजिक-आर्थिक उथल-पुथल के कारण युवाओं की शिकायतों का मुकाबला करने के लिए उन्हें शामिल करके, भाजपा एक बहुत ही खतरनाक खेल.. खेल रही है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजयरवर्गीय के बयान पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा कि भाजपा नेताओं का कहना है कि हम भाजपा कार्यालयों के लिए चौकीदार के रूप में सैनिकों (अग्निवीरों) को नियुक्त करेंगे. क्या मोदी की पार्टी सैनिकों को यही सम्मान देती है? यह अफसोस की बात है कि देश में इस तरह की सत्ताधारी पार्टी है.