Friday, March 31, 2023
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चीन और ताइवान युद्ध के बीच मंडराने लगा है इन क्षेत्रो पर खतरा, पढ़े ये खबर

नई दिल्ली: अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन खासा गुस्से में है और ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास कर रहा है. अगर आने वाले समय में चीन और ताइवान के बीच युद्ध छिड़ जाता है, तो इसका अंजाम पूरी दुनिया को भुगतना होगा. दरअसल ताइवान सेमीकंडक्टर चिप का हब है. युद्ध होने पर सेमीकंडक्टर चिप की सप्लाई रुक जाएगी. दुनिया के लिए सेमीकंडक्टर चिप इतनी जरूरी क्यों हैं? आइए जानते हैं. आपको बता दें कि एक कार में औसतन 1400 सेमीकंडक्टर होते हैं. ये कैमरे, टायर मॉनिटर, एयर बैग सेंसर, ब्रैंकिग सेंसर और इत्यादि को कंट्रोल करते हैं.

दुनिया के लिए ताइवान क्यों जरूरी है

ताइवान दुनिया के लिए सेमीकंडक्टर का हब है. सेमीकंडक्टर के मामले में ये विश्व की राजधानी है. सेमीकंडक्टर मार्केट शेयर का 63 प्रतिशत हिस्सा ताइवान का है. ताइवान में अगर कुछ होगा तो ये सारी चीजें नहीं बन पाईं. ताइवान पर दुनिया की कई सारी दिग्गज कंपनियां निर्भर हैं.

ताइवान की TSMC कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी है. एप्पल, क्वालकॉम, माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, इंटेल जैसी कंपनियां इसकी क्लाइंट हैं. रूस और यूक्रेन जंग के कारण दुनिया के सामने गेंहू का संकट खड़ा हुआ है. उसी तरह से अगर ताइवान और चीन के बीच युद्ध होता है तो कंप्यूटर, स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल कंपनियों पर संकट आ जाएगा. नई कारों, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रोनिक उपकरणों का प्रोडक्शन ठप्प पड़ सकता है.

TSMC ने चेतावनी भी दी है और कहा है कि हमला हुआ तो सबसे एडवांस चिप फैक्टरी काम नहीं कर पाएगी, क्यों हम ग्लोबल सप्लाई चेन पर निर्भर है, ये आर्थिक तबाही लेकर आएगा.

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